दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है आपका हिंदी में हेल्प ब्लॉग में। आज में आपको बताने जा रहा हूँ apple ka malik kon hai , apple kis desh ka hai , यानिकि apple company की पूरी जानकारी
Apple company का मालिक कोन है ?
स्टीव जॉब्स बायोग्राफी दोस्तों, फेसबुक इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को चलाने वाले मार्ग जबर्बक के गुरुवर के गुरु का नाम है। क्या आप जानते हैं दोस्तों हम आपको बता दें कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में गिने जाने वाले मार्ग, जकर्वक के गुरु और कोई नहीं बल्कि स्टीव जॉब्स।
स्टीव जॉब्स कौन है?
यह तो हमें आपको बताने की जरूरत ही नहीं है क्योंकि आईफोन के दीवानों को यह बात बहुत अच्छे से पता होगी। यह जिस आईफोन को लेकर दुनिया भर में टशन मारते हैं, उसे लोगों के सामने लाने वाला कोई और नहीं बल्कि स्टीव जॉब्स है। ऐसे में दोस्तों ऐसे शख्स की जिंदगी कैसे फर्श से अर्श तक पहुंची है। उसके बारे में आज मैं यानी आपका दोस्त प्रदीप वर्मा आपको बताने वाला।
दुनिया का सबसे अच्छा फोन कोन हैं ?
दोस्तों मोबाइल फोन की दुनिया में आईफोन एक ऐसा बैंड है जिसका जब भी कोई नया फोन लांच होता है तो उसे लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है। दोस्तों कई लोग आईफोन शौक के लिए रखते हैं तो कुछ अपने काम के लिए रखते हैं लेकिन एक चीज जो सब में सिमिलर होती है वह है आईफोन पर उनका विश्वास।
दोस्तों यह वही विश्वास है जिसकी , स्टीव जॉब्स ने रखी थी और आज आप एप्पल के प्रोडक्ट में जितने भी बेहतरीन डिजाइन और शानदार इंजीनियरिंग पाते हैं, वह सब स्टीव जॉब की ही मेहनत का नतीजा है क्योंकि आईफोन आईपैड, मैकबुक और आईमैक के बारे में तो हम सभी को पता है और इन्हें हमारे सामने पेश करने वाले स्टीव जॉब्स की जिंदगी में कितनी परेशानी होती है उसके बारे में शायद ही किसी को पता हो।
स्टीव जॉब्स जन्म कहा हुआ था ?
24 फरवरी 1955 में स्टीव जॉब का जन्म कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में हुआ था।
स्टीव जॉब्स की पुरी कहानि
दोस्तों स्टीव की मां बिना शादी के मां बनी थी। इसीलिए उनके जन्म के बाद इन्हें किसी को गोद देने का फैसला किया गया। दोस्तों स्टीव को पोल और क्लारा ने अडॉप्ट किया।स्टीव कि मां चाहती थी कि उनके बेटे को गोद लेने वाले लोग पढ़े लिखे हो।
जबकि क्लारा एक अकाउंटेंट और पुलके मैकेनिक थे और दोनों ने ही अपना कॉलेज पूरा नहीं किया था। पर दोनों ने स्टीव की मां से वादा किया कि वह कभी भी स्टीव को किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे। दोस्तों स्टीव अपने नए परिवार के साथ 1961 में कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू रहने आ गए और यहीं से उनकी पढ़ाई शुरू हो गई थी।स्टीव के पिता ने घर चलाने के लिए गेराज खोला और यही से स्टीव की इलेक्ट्रॉनिक का सफर शुरू हुआ।
स्टीव जॉब सुरु से ही काफी ज्यादा inteligente थे और लेकिन यह सरारत भी काफी ज्यादा जरते थे और उनके तेज दिमाग की वजह से इन स्कूल टीचर इन और बड़ी क्लास में डालना चाहते थे लेकिन उनके पैरेंट्स चाहते थे कि उनकी सारी चीजें नेचुरल तरीके से हो इसलिए इन्हें सिकबन से नार्मल बच्चों की पढ़ाई पढ़ाई करनी पड़ी
मात्र 13 साल की उम्र में स्टील की दोस्ती स्टीव वोजनियाक से हुई जिनका दिमाग भी स्टीव जॉब्स की तरह तेज था और इन्हें इलेक्ट्रॉनिक से बहुत प्यार था। हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद स्टीव जॉब्स ने कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन रीड कॉलेज की फीस बहुत ज्यादा थी और स्टील के माता-पिता भी मुश्किल से खर्चा चला पा रहे थे। कुछ ही समय में स्टील को ऐसा लगने लगा कि कॉलेज की पढ़ाई महंगी भी है। ओर उनका का पढ़ाई में मन भी नहीं लगता
इसलिए उन्होंने 6 महीने में ही कॉलेज छोड़ दिया। दोस्तो कॉलेज छोड़ने के बाद स्टीव ने कैलीग्राफी के क्लासेस जॉइन की जिसके कारण आज हम अपने कंप्यूटर में इतने सारे फोंट यूज कर पाते हैं। जभी कैलीग्राफी की पढ़ाई कर रहे थे तो इनके पास उस वक्त ज्यादा पैसे नहीं होते थे। ऐसे में यह अपने दोस्त के घर पर जमीन पर सोया करते थे और थोड़ा बहुत खर्चा चलाने के लिए कोका कोला की बोतल तक बेचनी शुरू कर दी थी
और रविवार के दिन तो यह 7 मील पैदल चलकर राधा कृष्ण मंदिर जाते थे कि मुस्तका खाना खा सके। दोस्तों सी जॉब्स स्टीव वोजनियाक की दोस्ती वापस अच्छी हो गई जिसकी वजह से दोनों ने मिलकर एक कंप्यूटर बनाने का फैसला किया और वह कंप्यूटर उन्होंने स्टीव जॉब्स के गैराज में ही बनाया, जिसको एप्पल नाम दिया दोस्तों इस कंप्यूटर को बनाने के लिए दोनों ने कुछ सामान बेचकर पैसे इकट्ठे किए। इनके द्वारा बनाया गया एप्पल कंप्यूटर छोटा सस्ता और ज्यादा फंक्शनल था।
इन दोनों द्वारा बनाए गए कंप्यूटर को बहुत ज्यादा पसंद किया गया जिसकी वजह से इन दोनों ने कई लाख डॉलर्स भी कमाए और मात्र 10 साल में इनकी कंपनी जानी मानी कंपनी बन गई। पर जब कंपनी का थोड़ा घाटा हुआ तो इसके लिए स्टीव जॉब्स को जिम्मेदार मान कर 17 सितंबर 1985 में इन्हें कंपनी से निकाल दिया गया। कंपनी से निकाले जाने के बाद स्टीव जॉब्स काफी निराश हो गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इन्होंने अपनी खुद की कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम इन्होंने नेक्स्ट रखा ।
दोस्तों यह कंपनी हाउस में प्रोडक्ट थी। पर इतने ज्यादा नाम नहीं कमाया, लेकिन स्टीव जॉब्स वह स्टीव जॉब्स थे, जिन्हें कामयाब होने में भला कौन रोक सकता था, इसलिए उन्होंने अपनी कंपनी को सॉफ्टवेयर कंपनी में बदल दिया। इसके बाद तो मानो उसकी पूरी जिंदगी बदल गई। इन्होंने इतने पैसे कमाए कि बाद में 10 मिलियन डॉलर देकर एक ग्राफिक कंपनी खरीद ली,
जिसका नाम द पिक्चर रखा जो आज पूरी दुनिया में फेमस है। इसके बाद दोस्तों स्टीव जॉब्स ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार तारीकी की सीढ़ियां चढ़ते रहे पर वहीं दूसरी तरफ एप्पल कंपनी घाटे में चल रही थी। जिस वजह से apple ने स्टीव जॉब्स की नेक्स्ट कंपनी को 477 मिलियन डॉलर में खरीद लिया। और फिर उन्हें जिस कंपनी से निकाला गया था उसी एप्पल कंपनी ने स्टीव जॉब्स सीईओ बन गए और इनके इस पद पर बैठने के बाद एप्पल कंपनी ने भी तरक्की की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दिया।
जहां सबसे पहले स्टीव जॉब्स ने एप्पल कंपनी में मौजूद जितने भी ढाई सौ प्रोडक्ट है, उन्हें हटाकर 10 प्रोडक्ट रखें और ने सबसे बेस्ट क्वालिटी का बनाने का फैसला किया और इनके इसी फैसले की वजह से आज एप्पल कंपनी का कोई भी प्रोडक्ट फ्लॉप साबित नहीं होता।
दोस्तों अगर देखा जाए तो स्टीव जॉब्स की जिंदगी से हर एक चीज सीखने को मिलती है कि कैसे दुनिया आपको चाहे जितना भी पीछे क्यों ना धकेलने की कोशिश करें। अगर आप में कुछ करने की लगन है तो आप किसी को मुश्किल से लड़ सकते हैं। बाकी आपका इस पर क्या कहना है। हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा।
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दोस्तो आज आपने जाना apple company ka Malik kon hai , apple kis desh ka hai, Apple iPhone kis desh ka hai, के बारे में पूरी जानकारी पोस्ट कैसा लगा हमे comment box में बता सकते है ।
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