मृत्यु के बाद क्या होता है गरुड़ पुराण

Author: in June 20, 2021

दोस्तों फिर से स्वागत है Hindi me Help ब्लॉग में मृत्यु के बाद क्या होता है (  मरने के बाद क्या होता है ) दोस्तों कभी न कभी आपके मन मे ये खयाल आया होगा कि मृत्यु के बाद का सच क्या है क्या इंसान को उसकी सारी जिंदगी दिखाई देती है और क्या कासी  में जाकर अपनी अंतिम सांसे लेने से इंसान को मुक्ति मिल जाती है। क्या मरने के 40 दिन पहले आपको अपने पुराने सभी जन्म के कर्म याद आते हैं। ये  वह सवाल है। जिन्होंने कभी ना कभी तो आपको परेशान किया ही होगा। ऐसे में आज की इस पोस्ट में यानी  आपको दोस्त प्रदीप वर्मा आपके इन सभी सवालों के जवाब दूंगा और आपको ही बताऊंगा कि कैसे ये कर्मचक्र चलता है और किस तरह महाकाल है। सब कुछ अपने नियंत्रण में कर के रखा है। 


दोस्तों वैसे तो यह बाते  कई लोगों को बेफुजूल  ही लगती है। लेकिन कुछ लोग इन चीजों पर विश्वास  करते हैं। जिस तरह  कहा जाता है कि वक्त बड़ा बलवान है। आपके कर्मों की सजा आपको मिलकर ही रहती है। ठीक उसी तरह जीना मरना भी जिंदगी का एक बड़ा  दस्तूर है। अगर आपका जन्म हुआ है तो आप का अंत होना पूरी तरह तय है। 

मृत्यु के बाद का सच क्या है

शरीर छोड़ने के बाद आत्मा कहां जाती है

मरने के बाद आत्मा कितने दिन तक भटकती है

मरने के बाद इंसान कहां जाता है

मरने के बाद की ज़िन्दगी

मरने के बाद आत्मा कितने दिन तक घर रहती है

मरने के बाद आत्मा कितने दिन घर में रहती है

मरने के बाद क्या होता है इन इस्लाम

मरने के बाद कब्र में क्या होता है

मृत्यु के बाद क्या होता है गरुड़ पुराण

मरने के बाद यमराज क्या सजा देता है

मृत्यु के बाद के कार्य

यहां तक कि संसार की कोई भी ऐसी चीज नहीं है जो अनंतता कटेहरी हो। ऐसे में आपको जिंदगी से जुड़े कुछ ऐसी चीजें जननी  बहुत जरूरी है जिन्हें सुनने के बाद आपके होश उड़ जायेंगे । 

दोस्तों  काल भैरव का मतलब होता है वो  जो काले हैं, ये ईश्वर का ही आयम है। उसे कई तरीकों से देखा गया है। ये शिव का  बहुत ही भयंकर रूप है। अब आपको यह तो मालूम होगा कि पूरे ब्रह्मांड को ब्रह्मा विष्णु महेश मिलकर चलाते हैं। ब्रह्मा बनाने वाला विष्णु चलाने वाला और महेश यानी कि जो चीजों का अंत कर के देते हैं जहां से वो आया होता है। अगर एक बार से देखा जाए  तो यह तीनो चीजे एक है ।

 और संसार में कुछ भी नहीं है। सिवा अंत के  इसलिए काल भैरव को बहुत ही ऊंचा दर्जा दिया गया है। जब काल भैरव विनाश करने लगे तो यहां पर  हम किसी चीज की विनाश की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि इस जगह पर हम समय के विनाश की बात कर रहे हैं। अब ये चीज  तो आप भी जानते हैं कि हर चीज की एक समय सीमा होती है। हमारी यह पोस्ट भी एक लिमिटेड समय तक चलेंगी । 

उसके बाद आप कोई दूसरा काम करने लगेंगे और उसके बाद उसकी एक सीमित   समय सीमा होगी। ऐसे में अगर आपके समय का ही नास  कर दें तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। ऐसे में काल भैरव का मतलब भी  यही  है कि वह हर चीज का विनाश कर देते हैं और ज्यादातर लोग जीवन अच्छी तरह से जीने का  फैसला नहीं करते। और यह पर उनकी इच्छा होती है कि कम से उनकी मौत तो  शानदार तरीके से हो और इस इच्छा को लेकर लोग कासी जाते हैं ताकि लोग काशी ने अपने अंतिम सांस लेकर ईश्वर को प्राप्त हो जाए। यानि कि मृत्यु से वो परम मुक्ति तक पहुंच जाए । 

और आप बात जानकर हैरान हो जाएंगे इस चीज की  गारंटी हुआ करती थी कि अगर आप काशी आते है तो आपको आपके अंतिम समय यहा मारने पर मुक्ति मिल जाएगी ।  फिर भले ही आप अपनी पूरी जिंदगी में बेहद ही बुरे कर्म करने वाले इंसान क्यों ना रहे हो। अब इसी  चक्कर में तमाम बेकार लोगों ने यहां आकर अपना बसेरा करना शुरू कर दिया कि जब अपनी अंतिम सांस लेंगे तो ने मुक्ति प्राप्त होगी। 

अब इसी चीज से काशी में बेकार लोगों की संख्या बढ़ने लगी। जिसके बाद शिव जी ने बोला, यह जगह तो खराब होती जा रही है। कियोंकि इतने सारे बेकार लोगों की सोच और रहन-सहन ने उस पवित्र जगह को खराब कर दिया और इसलिए शिव ने फैसला किया कि से कंट्रोल करना जरूरी है।

दोस्तों जिसे आप भैरवी यातना  कहते हैं उसे शिव जी ने काशी में आने वाले इतने  सारे बुरे लोगों को सबक सिखाने के लिए ही शुरू किया था। दोस्तों अगर यात्रा की शाब्दिक अर्थ में जाया जाए तो मतलब होता है भयंकर भीड़। 

इसी तरह की चीजें आपको नर्क में महसूस होती है, लेकिन लोगों ने तो नरक से मुक्ति पाने के लिए काशी का   रास्ता चुना था। इसलिए शवि जी ने  अपना दिमाग लगाया और भैरवी यातना की शुरुआत कर दी।

मृत्यु के बाद क्या होता है 

  जब  इंसान को  मृत्यु को प्राप्त होता है। तो उसके बाद  फिर चाहे वह किसी भी वजह से क्यों न मर रहा हूं। उम्र की वजह से ,  बीमारी की वजह से या फिर कोई एक्सीडेंटल मौत ही क्यों ना हो। इंसान मृत्यु के  पहले इस भैरवी यातना  को झेलता है जिसने उसे अपने न  सिर्फ जन्म की जिंदगी के सभी धर्म बल्कि उसने जितने भी जन्म लिए है उन सभी जिंदगी के सभी कर्मो  उसकी आंखों के सामने आने शुरू हो जाते हैं।

 अब ये चीज   आपने बहुत बार फिल्म बगैरा में देखी ओर सुनी  होगी मृत्यु से पहले जिंदगी एक बार flase back में चलती है और ठीक ऐसा ही असल जिंदगी में भी होता है जो इंसान मृत्यु को प्राप्त होता है। उसे अपनी सभी जीवन में किए गए कर्म  बहुत तेज स्पीड में दिखाई देते हैं।

 यह पूरी चीजे इतनी  ज्यादा रफ्तार में होती है कि इंसान जो खुशी के पल है, वह भी ढंग से महसूस  नहीं कर पाता। और जो दुख के पल  है वह भी ढंग से महसूस  नहीं कर पाता। यहां उसे एक पल तो खुशी मिलती है। वही दूसरे की पल  उसे  जिंदगी का वह सच दिखाई देता है जिससे वह सबसे  ज्यादा दुख तकलीफ में होता है और ये सारी चीजें इतने तेज रफ्तार  में होती है। की इंसान  चाह कर भी उसे रोक नहीं सकता और इन सारी चीजों को देखने के बाद उसके अंदर का इंसान जाग उठता है।

 और वह वापस से अपनी गलतियों को  सुधारने और अपने द्वारा किए गए अच्छे पलों को फिर से जीने के लिए मौत को नकारना  चाहता है और वह चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकता और यही उसकी सबसे बड़ी तकलीफ होती है कि आपको पता है। आपने कहा गलतियां की है। आपको पता है आप क्या और अच्छा कर सकते। आप चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते क्योंकि अब सब कुछ खत्म होने को आया है और यह भावना अपने आप में बहुत ही ज्यादा दर्दनाक होती है जहा  शिवजी ने बनाया इसलिए है ताकि इंसान को पता   रहे उसने कब क्या और किस तरह से गलत और सही चीजों की है और वह मृत्यु के बाद अपने आप से बिल्कुल स्पष्ट रूप से सच बोले और अपने सच को पहचान सके। 

अब कई लोगों को हमारी ये बातें फिजूल लग सकती है लेकिन दोस्तों  आप इस सच को झुंझला  नहीं सकते कि मरने से पहले आपके अच्छे बुरे सारे कर्मों आपके  सामने आएंगे। तब आप चाह कर भी उसे कभी ठीक नहीं कर पाएंगे। 

इसलिए  एक अच्छे इंसान बनिए  है, जितना हो सके दूसरों के चेहरे पर खुशी लाने की कोशिश कीजिए । ईश्वर भी इन चीजों से खुस होता है आगे इसपर क्या कहना है हमे comment में जरूर बताना । 

निष्कर्ष :- 

तो दोस्तों ये थी मृत्यु के बाद क्या होता है इसके बारे सब कुछ उम्मीद करता हूँ ये पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा । और आशा करता है यह हमारा article लोगो के साथ शेयर करना ना भुलेंगे ।



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